आंवला एक झाड़ीदार पौधा होता हैं , जिसकी लंबाई 20 से 25 फीट होती हैं। यह एशिया के साथ अफ्रीका और यूरोप में भी पाया जाता हैं।
आंवला को अमृत फल भी माना जाता है। वेदों, उपनिषदों में भी आंवला के महत्त्व का वर्णन मिलता हैं।
आपने आवले को अपने किसी न किसी रूप में इस्तेमाल तो अवश्य ही किया होगा। कही यह धार्मिक रूप से पूजा के लिए तो कही यह श्रृंगार के लिए तो कही पर स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल में लाया जाता हैं।
इस अमृत फल के महत्व के बारे में जितना बताया जाए कम होगा आइए इसके कुछ खास फायदों को समझते हैं।
आंवला हृदय रोगों में लाभकारी है आप आवले के मुरब्बे का प्रयोग कर रोग से निजात पा सकते हैं।
पुराणों के आधार पर समुद्र मंथन के समय जहा जहा विष की बूंदे गिरी भांग धतूरा जैसे पौधें हुए और जहा अमृत की गिरी पीपल, आंवला, बेल, बरगद जैसे वृक्ष हुए।
आंवला के नियमित प्रयोग से आपका फैट बहुत तेज़ी से घटता हैं।
आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन ए और सी होता हैं जिससे आखों की रोशनी तेजी से बढ़ती हैं।
आंवला त्रिदोषनाशक है, इसमें रस कटु , अम्ल, मधुर, कसाय, तिक्त पांच रस हैं जो वात, पित्त, कफ को मिटाते हैं।
आंवला आपके पेट से जुड़े विकारों को दूर करता हैं, गैस , एसिडिटी, अपच, संबंधी सभी बीमारियों को दूर करता हैं।
आंवला कोलेस्ट्रोल को घटा के आपके इंसुलिन के स्तर को भी सही करता है।
आवले के प्रयोग से यूरिन के इंफेक्शन और जलन आदि से निजात मिलती हैं।
महिलाओं में होने वाले पीरियड्स संबंधी और गर्भाशय ( Utrus) संबंधी रोगों को ठीक करता हैं।
आंवला से बाल धुलने पर या इसे पाउडर बना कर बालों में लगाने से बाल सुंदर और मजबूत बनते हैं।
आंवला खाने से हड्डियों में भी मजबूती आती है और शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होने पाती हैं।
आंवले के रोज प्रयोग से आपका शुगर का स्तर सही हो जाता हैं, और डाइबिटीज से छुटकारा दिलाता हैं।