तिरुपति बालाजी जी मंदिर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक हैं। यह मन्दिर आंध्र प्रदेश के चितूर नामक स्थान पर हैं।
यह मंदिर समुद्र तट से 3200 फीट की ऊंचाई पर हैं। तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित हैं।
तिरुपति बालाजी जी मंदिर जाने के प्रमुख महीना अक्टूबर से लेकर मार्च तक का हैं।
भगवान वेंकटेश को बाला जी, गोविंदा , श्री निवास भी कहते हैं। यह दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक हैं, जिसका प्रमुख कारण है भक्तों का दिया दान।
भगवान वेंकटेश है स्वयं विष्णु के रूप में हैं। और इनकी पत्नी पद्मावती हैं। जो तिरुमला की पहाड़ियों पर निवास करते हैं।
यह मंदिर सुबह 6बजे खुल जाता है और सायंकाल 7:30 बजे बंद हो जाता हैं। मंदिर में दर्शन के लिए लंबी लाइन लगती है सामान्य दर्शन के लिए 50 रुपए और विशेष दर्शन के लिए 300 रुपए का टिकट हैं।
तिरुपति बालाजी जी मंदिर बॉयमेट्रिक्स सिस्टम प्रणाली है जिससे आप के उंगली के निशान ले लिए जाते है इसलिए आप साल में एक बार ही दर्शन कर सकते हैं। यह एंट्री एक साल के लिए मान्य होती हैं।
बाला जी मंदिर से जुड़ी खास बात यह भी है की यहां भगवान वेंकटेश के सर पर हमेशा रेशमी बाल रहते है और यह उलझते भी नहीं हैं।
बाला जी का नित श्रृंगार किया जाता है। ऊपर साड़ी और नीचे धोती पहनाई जाती हैं।
बाला जी के वक्ष स्थल में मां लक्ष्मी का वास होता हैं। इसलिए गुरुवार के दिन भगवान के वक्ष स्थल पर चंदन लगाया जाता है और जब उस चंदन को उतारा जाता है उसमे मां लक्ष्मी की फोटो आ जाती हैं।
भगवान की प्रतिमा पर पिचाई कपूर लगाया जाता है। यह कपूर इतना शक्तिशाली है को पत्थर को भी चटका दे लेकिन भगवान की प्रतिमा को कुछ नही होता हैं।
भगवान के कानों से समुद्र की आवाज आती हैं।
भगवान के सामने निरंतर दिया जलता रहता जिसमे कभी घी ,तेल की भी आवश्यकता नहीं पड़ती हैं।
गर्भ गृह का दृश्य अनुपम है जहा आप पाएंगे अंदर जाते समय भगवान जी मध्य में होंगे और निकलते समय भगवान दाई ओर हो जायेंगे।