पूर्वांचल के इन्हीं पकवानों की श्रेणी में एक प्रमुख पकवान है फर्रे। तीज व्रत महोत्सव हो या करवा चौथ व्रत यह भारतीय पकवान घरों में जरूर बनाया जाता हैं।
सामग्री:
चावल का आटा ,चने की दाल (6 घंटे पहले भिगोई हुई ) हरी मिर्च लहसुन, नमक, हल्दी, लाल खड़ी मिर्च ,ऑयल , कस्तूरी मेथी हींग, धनिया की पत्ती आदि।
बनाने की विधि
फर्रे बनाने के लिए सबसे पहले आप चावल के आटे को गूथ ले। आप चाहे तो आटा में थोड़ा नमक मिलाएं यह स्वाद को बढ़ाने में मदद करता हैं।
आटा तैयार करने के बाद आप दाल को पीस लें। दाल को पीसने के साथ ही इसमें लहसुन और हरी मिर्च डाले यह दाल को बहुत अच्छा टेस्ट देता है।
दाल को पीस लेने के बाद आप आटे की छोटी छोटी लोई बना ले अब इन्हे पूड़ी के समान छोटा बेल ले। यदि आप न बेल सके तो किसी गिलास की मदद से गोल शेप में काट लें।
अब हम स्टफिंग की ओर बढ़ते है पीसी हुई दाल में नमक , मिर्च , हींग आदि को अच्छे से मिलाएं अब इन्हे छोटे आकार की बनी हुई पुड़िया पे रखे और अदखुला बंद करे।
फर्रे को पकाने के लिए आप इडली के सांचे का इस्तेमाल कर सकती है। यदि सांचा न हो तो एक पतीले में पानी गर्म करे और चन्नी ले, चन्नी पर हल्का ऑयल लगा कर कच्चे फर्रे को बिछाए।
अब आप चन्नी को पतीले के ऊपर रखकर किसी थाली की मदद से ढके। २० मिनट तक पक जाने के बाद आप टूथ पिक की मदद से दाल को चेक करे यदि पिक पर दाल चिपके तो कच्चा है यदि नहीं तो आपके फर्रे पक गए है।
अब आप इन्हे चाय के साथ या चटाखेदार धनिया की चटनी के साथ सर्व करे ।
आप चाहे तो इन्हे मेथी दाना और करी पत्ता का तड़का लगा कर फ्राई भी कर सकती है , स्वाद बढ़ाने के लिए आप आप इनपर। काली मिर्च पाउडर और भूना जीरा डाले ओर सॉस के साथ खाए।