व्यक्तित्व का विकास आंतरिक और बाहरी रूप से प्रभावित होता हैं। आंतरिक विकास वह विकास है जहा आप अपने जन्म जात गुणों को विकसित करते हैं।
बाहरी व्यक्तित्व के विकास में वह गुण आते है जो समय के साथ आते हैं। आप कोई विशेष कोर्स करें, या जीवन ने निरंतर कुछ नया सीखते हुए अपनी प्रतिभा को बढ़ाएं।
अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए आप कुछ आसान सी बातों का ध्यान दे। साथ ही अपनी सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विकास करें।
खुद में सेल्फ कॉन्फिडेंस लाए। लोगो से मिले सभी के साथअच्छा व्यवहार करें।
पढ़ाई के साथ साथ अपनी बाहिरी एक्टिविटी को भी निखारे। इससे शरीर के साथ साथ ब्रेन का भी विकास होता हैं।
आप में इगो नहीं होना चाहिए। आप जितने सरल स्वभाव के होंगे उतना विकास करेंगे।
किताबों को जीवन में शामिल करें। निरंतर अभ्यास और नया सीखने की आदत बनाए रखें।
व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक
यह सभी आपके विकास को कही न कही प्रभावित करते हैं।