आज हम आपको बताएंगे मां पार्वती से जुड़ी कुछ रोचक बातें। मां पार्वती को ही दुर्गा रूप में काली रूप में तो कभी सिद्धीदात्री के रूप में। मां के रूप और उनसे जुड़ी बातें बेहद रहस्यमय रही हैं।
मां पार्वती का शिव जी विवाह हुआ। इसके बाद शिव परिवार बढ़ा। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के साथ से जन्म हुआ भगवान कार्तिकेय का। धीरे धीरे समय बीतता गया इसके बाद मां पार्वती ने अपने तेज से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई और उनमें प्राण डाले।
भगवान गणेश मां पार्वती और भगवान शिव के सबसे प्रिय पुत्र है। आगे चलकर भगवान गणेश का विवाह रिद्धि सिद्धि के साथ हुआ। जिन्हे ब्रह्मा जी की पुत्री माना जाता हैं। यह ब्रह्मा जी की मानस पुत्रियां थीं।
भगवान कार्तिकेय पूजा और साधना हेतु दक्षिण दिशा की ओर चले गए। तमिलनाडु में भगवान कार्तिकेय का सुप्रसिद्ध मंदिर हैं। जहा भगवान कार्तिकेय , मुर्गन के रूप में पूजे जाते हैं। भगवान कार्तिकेय ने देवराज इंद्र की पुत्रियों देवसेना और वल्ली से विवाह किया और दक्षिण में ही बस गए।
मां पार्वती की पुत्रियों के विषय में कम ही जानकारी है, लेकिन पौराणिक कथाओं की माने तो मां पार्वती की की एक पुत्री अशोका सुंदरी का ज्रिक मिलता हैं। जबकि कही कही मां की पांच और पुत्रियों का भी उल्लेख हैं।
एक बार भगवान शिव और मां पार्वती जल क्रीड़ा कर रहे थें। इसी क्रीड़ा के दौरान मां पार्वती और शिव भगवान से पांच कन्याओं का जन्म हुआ हालाकि यह जन्म मां के गर्भ से नहीं हुआ। लेकिन यह थी भगवान शिव और मां पार्वती की ही पुत्रियां जो 5 नागिन रूप में थी।
इनके नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि हैं। यह 5 ही नाग रूप में है जो भी नाग पंचमी के दिन इनकी पूजा करता है भगवान शिव उन सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।
एक दिन मां पार्वती और भगवान शिव कैलाश पर्वत पर बैठे हुए थे। दोनों के मध्य वार्ता चल रही थी। तभी मां ने भगवान से यह इच्छा प्रकट की , कि भोलेनाथ क्या आपको नहीं लगता आपकी एक बहन होनी चाहिए मेरी भी कोई नन्द हो।
यह सुनकर भगवान शिव विनोद करते हुए कहते है देवी क्या आप अपनी नन्द के साथ प्रेम से रह पाएगी। यह सुनकर मां पार्वती कहती है आवश्य प्रभु , तभी भगवान शिव अपनी मानस बहन तो अपने तेज से उत्पन्न करते है जिनका नाम है आसावरी देवी। इन्हे कथाओं में भगवान शिव की बहन माना गया हैं।
मां दुर्गा को शिव के साथ शक्ति रूप में जाना है, विवाह के बाद भोले का परिवार बढ़ा। दो पुत्र और 8 पुत्रियों के पिता बने भगवान शिव।
सिद्धिदात्रि मां पार्वती का नवम रुप हैं।
कार्तिकेय भगवान की पूजा साउथ में अधिक होती हैं वहा ये मुरुगन स्वामी नाम से प्रसिद्ध है।
गणेश भगवान की पत्नियों का नाम रिद्धि व सिद्धि हैं।
देवसेना और वल्ली इंद्र देव की दो बेटियां हैं।
भगवान श्री राम की बहन का नाम सांता था।