हिंदू धर्म के अनुसार हमारे यहां पेड़ पौधें के सेवा के साथ ही उनकी पूजा का भी प्रावधान हैं। नीम , पीपल , केला , बरगद से लेकर शमी के पौधे तक में ईश्वर का वास माना गया हैं। पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, बेल के पेड़ को भगवान शिव के लिए शुभ मानते हैं, नीम में मां शीतला देवी है तो , बरगद की पूजा से स्त्री का सुहाग बढ़ता हैं।
शमी के पौधे को भी बहुत शुभ माना गया हैं। भगवान शिव पर इसकी एक पत्ती चढ़ाने से १ लाख बेल पत्र के बराबर का फल मिलता हैं। और इसके एक फूल को चढ़ाने से एक करोड़ बेल पत्र के बराबर फल मिलता हैं। शमी के पौधे में शनिदेव का वास माना गया हैं।
शमी के पौधे को कभी घर में नहीं लगाना चाहिए। इसके पौधे को हमेशा घर से बाहर लगाए ताकि आते जाते शमी के पौधे पर नजर पड़े। शमी के पौधें को लगाने का सही दिन शनिवार हैं। यदि आप इसके पौधें को विजयादशमी के दिन लगाते है तो अति शुभ परिणाम मिलते हैं।
शमी एक औषधि के रूप में भी काम करती हैं। इससे कफ, पित्त , दस्त, उलटी, चित्त का मिचलाना , बवासीर जैसे अनेक बीमारियां चुटकी में दूर हो जाती है।
शमी का प्रयोग आप सांस से जुड़ी बीमारियों में भी कर सकते हैं। यह आपके श्वास त्रंत्र को मजबूती प्रदान करता है।
यदि आप धन के संकट से जूझ रहे है तो एक कलावा ले और उसे शनिवार के दिन शमी के पौधे में बांध दे और अगली सुबह इसे खोल के अपने पास पर्स में रखे आपको तुरंत लाभ होगा।
शादी में अड़चने आ रही हो , या विवाह टूट रहा हो आप 41 दिनों तक नियमित रूप से शमी में घी का दिया जलाए आपके विवाह की सारी अड़चने दूर हो जाएगी।
भगवान शिव पर इसकी एक पत्ती चढ़ाने से १ लाख बेल पत्र के बराबर का फल मिलता हैं। और इसके एक फूल को चढ़ाने से एक करोड़ बेल पत्र के बराबर फल मिलता हैं।