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स्त्रीयों को नहीं करना चाहिए गायत्री मंत्र का पाठ जाने क्यों?

शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र का पाठ कभी भी महिलाओं को nhi करना चाहिए। इसके प्रमुख कारण धार्मिक और चिकित्‍सकीय दोनों ही हैं। 

गायत्री मंत्र :

ॐ भूर्भुवः स्वः ।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्। 

अर्थ : 

पृथ्वीलोक, भू लोक , स्वर्ग लोक में व्याप्त उस सृष्टिकर्ता प्रकाशमान भगवान के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे। 

मंत्र की महिमा :

यह मंत्र भगवान शिव के साथ ही सूर्य देव का भी मंत्र हैं। इस मंत्र को सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से पुण्य के साथ ही सफलता की भी प्राप्ति होती हैं। 

ऋषि विश्वामित्र ने ऋग्वेद में इस मंत्र का उल्लेख किया हैं। महाज्ञानी महा प्रतापी रावण ने भी इस मंत्र का जाप कर शिव को प्रसन्न किया था।

महिलाओं को मंत्र जप क्यों है निषेध : 

शास्त्र के अनुसार पहले महिलाएं भी जनेऊ भी धारण करती थी और पुरुष भी पूरी श्रद्धा से जनेऊ धारण कर कर नियमों का पालन करते थे जिसके कारण वह मंत्र जप कर सकते है। 

शुद्धता से मंत्र जप करे

परंतु समय बदलने के साथ पुरुष महिलाएं दोनो ही नियम का पालन नही करते हैं जिसके कारण रोक हैं। साथ ही महिलाएं में मासिक धर्म की समस्या होती हैं जिसके कारण उन्हें मंत्र जप नही करना चाहिए। 

यह मंत्र बहुत ही पवित्र माना गया हैं। इसलिए किसी भी अशुद्धि के साथ इस मंत्र का जाप नही करे। 

गर्भवती महिलाए मंत्र जप न करें 

गर्भवती महिलाओं को या नवजात शिशु जन्म के समय महिलाओं को कभी भी गायत्री मंत्र का जब नही करना चाहिए इससे उनके स्तनों में दूध उतरने में दिक्कत आती हैं।

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