समुद्र से निकला एक भूभाग जो पर्वत और समुद्र से घिरा हो। या समुद्र और पर्वत के संगम तट स्थान को केरल कहते हैं। प्राचीन जानकारों के अनुसार केरल को मलबार नाम से भी जाना जाता हैं। यदि आप केरल घूमने के लिए प्लान कर रहे है तो यकीन मानिए ये आपका सबसे सर्वश्रेष्ठ निर्णय हैं।
दक्षिण भारत का एक प्रसिद्ध राज्य जिसकी खुबसूरती की पूरी दुनिया कायल हैं। हरियाली की गोद में बसा यह राज्य आदि गुरु शंकराचार्य की जन्म स्थली भी हैं। आजादी से पूर्व दक्षिण भारत के इस राज्य का नाम त्रावनकोर था। केरल की राजधानी त्रिरुनंतपुरम है।जो की अपनी प्राकृतिक छटाओं के मशहूर है। यहां पर नारायण का सुप्रसिद्ध मंदिर पद्मनाभ भी हैं।
यहां दूर दूर तक फैले चाय के बागान हैं। खूबसूरत पहाड़ी, समुद्र तट , हरियाली, हरे भरे खेत, शांत वातावरण, समुद्र का सुंदर किनारा केरल की खुबसूरती को बढ़ा देता हैं।
केरल का प्रमुख त्योहार ओणम हैं। इस त्योहार के मौके पर यहां नौका रेस की जाती हैं। केरल का यह नौका रेस खेल समूचे विश्व में प्रसिद्ध हैं। केरल में काजू , नारियल, अदरक, चाय की खूब खेती हैं। केरल में आज भी पारंपरिक पोशाक का चलन हैं। महिलाएं ज्यादातर साड़ी पहनती हैं और पुरुष लोग धोती पहनते है। कांधे पर तौलिया या सफेद गमछा रखें का रिवाज हैं।
यहां का भोजन मुख्यत मछली हैं। मछली पकड़ना यहा़ प्रमुख व्यवसाय भी हैं। यहा के लोग बेहद नेक दिल और अच्छे इंसान होते हैं। कथकली यहां का पारंपरिक नृत्य हैं। केरल का राष्ट्रीय पंछी ग्रेट हॉर्न बिल हैं और राष्ट्रीय पशु हाथी हैं।
यह केरल में घूमने की सबसे अच्छी जगह हैं। पूर्व का वैनिस कहा जाने वाला यह स्थान केरल की सबसे आकषर्क जगह हैं। नारियल के पेड़ों से गुजरती नौका, गहरा समुद्र का पानी आपके दिल को जीत लेगा। यहां आकर आप केरल का पारंपरिक भोजन भी चख सकते हैं। यहा ब्लैक सी भी आपको देखने को मिलेगा।
यह कपल्स के लिए किसी हनीमून डेस्टिनेशन से कम न हैं। चाय के बागानों के बीच बसा यह स्थल आपका मन लोभ लेगा साथ ही मिट्टी की भीनी खुशबू , और अगर हल्की सी बारिश हो जाए तो आप तो बसने का मन बना ही लेंगे।
वायनाड केरल की संस्कृति और सभ्यता को खुद में समेटे हुए हैं। यहां का परंपरागत स्वाद का भोजन , लोक नृत्य, नौका रेस , नारियल के घने जंगल आपको मन मोह लेंगे। यहां आपको रीति रिवाजों को से जुड़े लोग मिलेंगे जो स्वभाव में बेहद सरल हैं।
थेक्कडी खास तौर पर वन्य जीव जंतुओं के लिए फेमस हैं। यह पेरियर अभ्यारण वन्य जीव जंतुओं के वजह से खास तौर पर प्रसिद्ध है। जैसे सांभर, बिल्ली, नीलगिरी गाय, लंगूर, बाघ आदि आकर्षण का केंद्र हैं।
दक्षिण भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता हैं। जहा के मंदिर शिल्पकला , मूर्तिकला में सर्वोत्तम हैं। इसी क्रम में भगवान विष्णु का यह मंदिर अपनी कलाकारी के लिए अलग पहचान जाता हैं। यहां पर एकादशी के पर्व पर विशेष रूप से भक्त गण आते हैं।
बीचों के प्रसिद्ध यह स्थान केरल की सबसे खूबसूरत जगह हैं। पारंपरिक मसालों , लकड़ी को मूर्तियां , लकड़ी की कारीगरी, खूबसूरत रिजॉर्ट , नौका में बसे छोटे होटल आपका दिल जीत लेंगे। नारियल के बीचों बीच बने ये रास्ते , अदभुत हरियाली, समुद्र के तट आपको बेहद आकर्षक लगेगें।
यह सांस्कृतिक विरासत और कला का केंद्र है। यह शास्त्रीय संगीत का केंद्र हैं। यहां के मंदिर शिल्पकला मूर्तिकला आपका मन मोह लेंगी।वदक्कुम्नंथन क्षेत्रम् मंदिर, शक्थन थंपुरम का मकबरा, अथिरापल्ली फॉल आदि बहुत आकषर्क हैं।
कोच्चि का प्राचीन नाम कोचीन भी हैं। यहा आपको राष्ट्रीय हवाईअड्डा भी हैं। इसे अरब सागर की रानी भी कहते हैं। आनद के लिए यह पब और डिस्को भी हैं। यहां आपको सुंदर प्रकृति का नजारा मिलेगा।
पूवर एक खूबसूरत महाद्वीप हैं। यहा का आंदमयी वातावरण बेहद खास है। यदि आप शांति और प्रकृति के प्रेमी है तो यह स्थान आपको अपनी ओर आकर्षित करेगा। यह स्थान दूर दूर तक रेत की खुबसूरती को समेटे है।
चाय, कॉफी के खुशबूदार बागानों के बीच बसा यह स्थल आपका मन मोह लेगा। यदि आप अपनी छुट्टियां प्रकृति को गोद में बिताना चाहते हैं तो यह आपके बेस्ट प्लेस हैं। हवाओं को चीरती भीनी सी मिट्टी की खुशबू आपको बहुत पसंद आयेगी।
दक्षिण भारत का एक प्रसिद्ध राज्य जिसकी खुबसूरती की पूरी दुनिया कायल हैं। हरियाली की गोद में बसा यह राज्य आदि गुरु शंकराचार्य की जन्म स्थली भी हैं। आजादी से पूर्व दक्षिण भारत के इस राज्य का नाम त्रावनकोर था।