पसीना स्तनधारियों से निकलने वाला एक ऐसा तरल पदार्थ होता है जो आपके शरीर की शुद्धि का कार्य करता हैं। पसीना आने को लेकर आप कभी निराश न हो यह आपके लिए बेहद फायदेमंद है।
आप ने एक कहावत तो सुनी ही होगी अच्छों अच्छों के पसीने छूट जाना यानी की कड़ी मेहनत। अब आपको अपने मेहनत से आने वाले पसीने से घबराने की नहीं बल्कि खुश होने की जरूरत है की पसीना आपको कितने फायदे देकर जाता है।
पसीने में आपके शरीर का पानी होता है ,नमक होता है साथ ही क्लोराइड , मेथिलफिनोल (पी cresol), तथा यूरिया भी शामिल होता हैं। पसीना आने की स्थिति में आप ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें यह आपको स्वस्थ तरोताजा रखेगा।
आज हम यह जानेंगे की पसीना आना किस प्रकार से आपके लिए लाभप्रद होता हैं।
पसीना आने से बॉडी डिटॉक्स होती है, अर्थात शरीर के rom छिद्र खुल जाते है और पसीने के माध्यम से शरीर की गंदगी निकल जाती हैं।
पसीना आपकी शुद्धि के साथ ही साथ आपके असंतुलित हार्मोन्स को भी ठीक करता हैं। पसीना आने से आपका शरीर ठंडा रहता है। साथ ही यह आपके शरीर के रसायनों को निकलता है जिससे बॉडी में संतुलन स्थापित होता हैं।
पसीने के द्वारा शरीर के सभी बैक्टीरिया बाहर निकल जाते है जिससे चेहरा निखर जाता हैं।
इससे आपको ऑयली स्किन से भी छुटकारा मिल जाता है , जो की पिंपल्स का एक बड़ा कारण होता है।
चीन के एक सर्वे से यह भी ज्ञात हुआ है जैसे मूत्र के माध्यम से शरीर से अनेक रसायन , गंदगी बाहर निकल जाती है। ठीक उसी प्रकार पसीना भी आपके शरीर में उत्पन्न होने वाले सभी रसायनों को निकाल फेंकता हैं।
पसीना न केवल आपकी त्वचा को स्वस्थ रखता है बल्कि यह बालो के लिए भी लाभप्रद हैं, जब हमारे स्कैल्प में पसीना होता है तो स्किन में नमी आती है जिससे डैंड्रफ भी जाता है साथ ही rom छिद्र खुल जाने से बालों को मजबूती भी मिलती हैं।
व्यक्ति का मूड इसके चेहरे और त्वचा पर निर्भर करता है। आपका अच्छा मूड शांत मन और दिमाग काफी हद तक पसीने से प्रभावित होता हैं। अधिक व्यायाम एंडोफ्रिन हार्मोन को शरीर में बढ़ाता है जो की एक हैप्पी हार्मोन होता है। इस कारण आपका दिमाग मन और मूड तीनों ही अच्छा रहता हैं।
हमारा शरीर मुख्यत दो प्रकार का पसीना उत्पन्न करता है।
एक्सराइन ( Eccrine )
एपोक्राइन ( Apocrine )
इनमे से एपोक्राइन जब हमारी त्वचा के बैक्टीरिया के संपर्क में आता है तो बैक्टीरिया उसे पचाता है जिससे बदबू उत्पन्न होती हैं।
पसीना की ग्रंथियां शरीर के तापमान द्वारा नियंत्रित होती है। मनुष्य के पास तीन प्रकार की ग्रंथि होती है
एक्राइन
एपोक्राइन
एपोएक्रिन
पसीने की अपनी कोई दुर्गंध नहीं होती है बल्कि इसके लिए एंजाइम जिम्मेदार होते है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा पूरे शरीर में होंठ ऐसा अंग है जहा कभी पसीना नहीं आता हैं।
आपको अपनी दिनचर्या में यह भी ध्यान रखना यदि सामान्य वातावरण में भी आपको हथेली पर, माथे पर ,या बगल में अधिक पसीना आए तो स्तर्क हो जाए , यह हार्मोनल असंतुलन को निशानी हैं।साथ ही पसीना आने पर आप डिहाइड्रेशन से बचने हेतु अधिक से अधिक पानी पिए।