औषधीय गुणों से युक्त यह एक जादुई पौधा है। स्वाद में बेहद तीखा होने की बावजूद फायदे इसके बेहद मीठे हैं। शरीर में होने वाले अनेक विकारों को दूर करने की क्षमता नीम में पाई जाती हैं।
हाल ही में हुए कॉविड महामारी में भी नीम को बेहद असरदार माना गया है। सर्वे के अनुसार बहुत से ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने इस महामारी में भी नीम का खूब प्रयोग किया और खुद को सुरक्षित रखा।
नीम महोगनी फैमिली का सदस्य है। इसका वैज्ञानिक नाम Azadirachta Indica हैं।
नीम एक ऐसा पौधा है जिनकी पत्तियां , बीज , छालें और निबौरी सभी के फायदे है। कई वैज्ञानिकों ने भी नीम पर रिसर्च किया है। नीम से जुड़े हुए सभी फायदे बेहद चौकाने वाले हैं। तो आइए जानते है कौन से है वो फायदें :
नीम के प्रयोग से आपके शरीर का रक्त शुद्ध होता है। नीम की पत्तियों को उबाल कर आप इस पानी को पिए अन्यथा आप नीम की पत्तियों को पीस कर गोली के रूप में बना ले और नियमित एक गोली ले आपका रक्त शुद्ध हो जायेगा।
शरीर में इन्फेक्शन का खतरा होना आम बात है ऐसे में यह किसी भी व्यक्ति को हो सकता हैं। इनके पीछे के अनेक कारणों में से एक प्रमुख कारण होता है छोटे छोटे बैक्टीरिया जिन्हे हम नजरंदाज कर देते हैं। ऐसे में आप नीम की पत्तियों को खौला कर उस पानी से नहाएं आपको बहुत लाभ मिलेगा क्युकी नीम की पत्तियों में क्वेरसेटिन और बी-साइटोस्टरोल एंटी फंगल गुण की पुष्टि हुई हैं।
नीम में मौजूद पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड गुण की वजह से यह बढ़ते संक्रमण को रोकने में मददगार हैं। चिकनपोक्स हो या कोई स्किन से जुड़ी ऐसी बीमारी जो फैलती है ऐसे में नीम के प्रयोग से काफी हद तक बचा जा सकता हैं। चिकनपॉक्स में डाक्टर भी नीम के प्रयोग की सलाह देते हैं।
नीम का एक असरदार गुण यह भी है की नीम में कीड़े मारने के भी गुण होते हैं , आप चाहे तो नीम की नई कोपल को पीस कर पी जाए या फिर कच्ची पत्तियां चबाए आपको अवश्य आराम मिलेगा।
चेहरे के कील मुहांसे , हो दाग धब्बों या छोटे छोटे दानों को आम कतई नजरदाज़ न करें। यह आपकी सुंदरता को प्रभावित करता है इसलिए इनका उपाय अवश्य करे। नीम को बारिक पीस कर इसका लेप चेहरे पर लगाएं और सभी समस्याओं से छुटकारा पाए।
यदि आपके बालों में जुएं हो , खुजली हो या डैंड्रफ सभी का उपाय है नीम। आपको नीम के पेस्ट को बालों में लगाने से सभी विकार दूर होते हैं। साथ ही यह आपको बालों को अच्छा पोषण भी देते हैं।
नीम एक पेड़ मात्र ही नहीं है अपितु इसमें अनेक औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। अनेक रोगों के इलाज में नीम का प्रयोग किया जाता है, चर्म रोग में भी नीम बेहद असरदार है फिर चाहे आप नीम के पानी से नहाएं या नियमित रूप से नीम का काढ़ा पिए आपको बहुत जल्दी सुधार दिखेगा।
नीम का स्वाद बेहद कड़वा होता है और शरीर में बड़ी हुई शुगर को कम करने के लिए इसका कड़वापन बहुत फायदेमंद साबित होता हैं। इसलिए यदि आप मधुमेह रोगी है तो नीम को अपनी जीवन चर्या में अवश्य शामिल करें।
आपने यह तो अवश्य ही सुना होगा की नीम के केवल बीज , पत्ते ही ही नहीं अपितु डंठल भी फायदेमंद है। नीम की दातुन करने से दातों के कीड़े मरते है साथ ही मुंह की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलता है।
घटिया ज्यादातर महिलाओं में होने वाली बीमारी है। इस बीमारी की महिलाओं के अंगों में सूजन हो जाती है साथ ही हाथ पैर उंगलियों की गाठों में अकड़न और दर्द की समस्या हो जाती है। ऐसे में नीम बेहद असरदार है यह आपके गठिया रोग को भी बहुत जल्द ही ठीक करता है। नीम के तेल की मालिश से सूजन भी कम होती है।
नीम की पत्तियों को पीस कर सोंठ और धनिया पाउडर के साथ मिला कर पीने से मलेरिया रोग में तुरंत आराम मिलता हैं। नीम की छाल को उबाल कर पीने से डेंगू का बुखार भी सही होता है साथ ही यह हैजा रोग को भी ठीक करता है।
नीम का प्रयोग कीटनाशक दवा के रूप में भी किया जाता है , किसान अनाज को कीड़ों से बचाने के लिए नीम की पत्तियों को अनाज भंडार में रखते है साथ ही इसका धुआं करने से किट पतंगे और मच्छर भी मरते हैं।
1 चर्म रोग में नीम का प्रयोग किया जाता है।
2 पेट खराब होने के स्थिति में असरदार।
3 कुष्ठ रोगियों के उपचार में उपयोगी।
4 खून को साफ करने में उपयोगी।
5 मसूड़ों से खून आना या बदबू होना ऐसे में नीम उपयोगी है।
6 पेट का दर्द या कीड़े खत्म करने के लिए।
7 अल्सर होने पर नीम का चमत्कारी उपयोग है।
8 त्वचा संबंधी बीमारियों में नीम बेहद उपयोगी है।
9 नक्सीर फूटना यानी नाक से खून आना ऐसी स्थिति में उपयोगी है।
10 नीम का उपयोग गर्भपात के लिए भी किया जाता हैं।
11 भूख न लगने की स्थिति में नीम का पानी पीते हैं।
12 बुखार खासी में भी नीम का उपयोग होता है।
नीम केवल औषधीय गुणों की ही खान नही हैं अपितु यह एक आध्यात्म और श्रद्धा से जुड़ा हुआ पेड़ भी हैं। बंगाल में तो नीम के पूजन का विशेष महत्व हैं।।
नीम में मां देवी का वास माना जाता हैं , कही कही पर नीम को साक्षात मंगलदेव माना गया है। मां शीतला देवी की पूजा में ऐसा माना जाता है को इनका निवास नीम के पेड़ में ही होता है। इसलिए चिकन पॉक्स होने पर नीम के पेड़ में जल दिया जाता है और रोगी के समीप नीम का डाल रखी जाती है।
नीम के पेड़ में जल देने से या इसकी पूजा करने से सभी अमगल दूर होता हैं। नीम का पेड़ आपके जीवन में आने वाली आकस्मिक आपदा को दूर करता है।
नीम की दातुन का इस्तेमाल करने से या घर में नीम का पेड़ लगाने से शनि दोष भी दूर होता हैं। नीम के पूजन को पुरातन काल से देखा जा रहा इसलिए आज नीम का वनस्पति जगत में अगल महत्त्व है।
नीम महोगनी फैमिली का सदस्य है। इसका वैज्ञानिक नाम Azadirachta Indica हैं।