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Types Of Grafting Plants : कलम से लगने वाले पौधे

पर्यावरण संरक्षण आज हमारी पहली प्राथमिकता हैं। ग्लोबल वार्मिग को देखते हुए यह बेहद जरूरी है की हम अपने आस पास ज्यादा से ज्यादा हरियाली बनाए रखे। ऑक्सीजन के लेवल को सही रखने के हमें पेड़ पौधें के संरक्षण का ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं।

कटिंग से लगने वाले पौधे (Grafting Types)

आज हम ऐसे पौधों के बारे में बात करेंगे जिन्हे घरों में उगाना बहुत ही आसान हैं। इन पौधों के लिए बीज की आवश्यकता नही होती हैं, इन पौधों की कटिंग लगाने का सबसे सही मौसम बारिश का होता हैं। बारिश के मौसम में कटिंग से लगने वाले पौधें जल्दी लगते हैं। कुछ प्रमुख पौधें इस प्रकार हैं

  • मनीप्लांट 
  • गुलाब
  • बेला 
  • सदाबहार 
  • मोंगरा
  • गुड़हल
  • स्नैक ट्री 
  • ऐलोवेरा  
  • अपराजिता
  • केतकी
  • चांदनी 
  • बोगन बेलिया
  • मधुमालती  

बरसात में फूलों की कटिंग कैसे लगाए (Best Plant for Rainy Season)

कटिंग वाले पौधों को खासकर बारिश के ही मौसम में लगाया जाता हैं, इसके दो फायदे होते हैं एक तो ऐसे पौधे ग्रो जल्दी करते है। दूसरा बारिश के मौसम में जड़े जल्दी पकड़ बना लेती हैं। 

  • पौधें की कटिंग लगाने की लिए तने का स्वस्थ्य होना बहुत जरुरी हैं। अच्छे पौधे की कटिंग ही नए पौधे के लिए उपयोगी हैं। 
  • ध्यान रखें कलम की लंबाई 6 से 9 इंच होनी चाहिए। 
  • पौधे की कटिंग ज्यादा ड्राई नहीं होनी चाहिए। 
  • पौधे के कटिंग को 45 डिग्री के एंगल पर कटना चाहिए। 
  • आप जिस भी पौधे से कटिंग ले रहे है उसमे गाठें यानी नोड्स जरूर होने चहिए। 
  • कटिंग के लिए पौधे का निचला हिस्सा ही सबसे उपयुक्त होता हैं। 
  • पौधे की कटिंग के सिरे पर फंगिसाइड लगाकर ही इसे जमीन में लगाएं। 
  • आप कटिंग को जैविक खाद युक्त पोंटिंग मिक्स में भी लगा सकते हैं या जमीन में भी लगा सकते हैं।
  • कटिंग को कम से कम जमीन में 2 से 3 इंच गहराई तक लगाएं। 
  • मिट्टी में कटिंग लगाने के बाद पानी अवश्य दे।
  • पानी डालने से कटिंग मरती नहीं है और अच्छे से जमीन को पकड़ लेती हैं। 
  • पौधे की सही कटिंग, जड़ और पानी के बाद ध्यान देने योग्य बात है जमीन की उर्वरा शक्ति इसका भी ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं। 

कुछ खास पौधें इस प्रकार है (Best Plant for Rainy Season)

 

गुड़हल

बारिश में उगने वाले पौधे में से सबसे पहला नाम गुड़हल का हैं। इसकी कम से कम 15 से 20 सेटीमीटर कटिंग को बारिश के मौसम में लगाए। कटिंग में कुछ दिन डेली पानी डालें। ध्यान रखे कटिंग जहा लगाए वहा की मिट्टी उपजाऊ हों। जब पौधा बड़ा हो जाए तो आप चाहे तो गार्डन में शिफ्ट कर दे अन्यथा किसी बड़े गमले में कर दे। 

मनीप्लांट

मनीप्लांट के पौधे को घर के वास्तु के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता हैं। मनी प्लांट की कटिंग को नोड के पास से अलग करे और इसके तने को पॉट में लगाएं। 

चांदनी 

अगर आप सफेद फूलों के शौक़ीन है तो चांदनी आपके लिए सबसे उपयुक्त च्वाइस हैं। इसे नोड के पास आप काटें कम से कम 5 से 6 सेटीमीटर काटें। ध्यान रखे इन्हे डायरेक्ट सूरज की किरणों के सामने न रखें।

कनेर  

कनेर के पौधे को भी कलम के सहारे लगाया जाता हैं। इसे आप 5 से 6 इंच तक कटिंग कर लें और इसे गमले में लगा दे जब यह गमले में पकड़ ले तो आप इसे गार्डन में लगा दे। इसे जमीन में पकड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप और पानी दे। 

मोगरा

मोगरा के पौधे को उगाने के लिए अधिक मात्रा में पानी, खाद मिट्टी की जरूरत होती हैं। इसकी कलम 8इंच तक लगाए और नियमित पानी और धूप खिलाए।  

गुलाब 

गुलाब को फरवरी से लेकर जून तक के बीच में लगाए। इसे 7 से लेकर 8 इंच तक लगाए। खाद , गोबर , वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करें इससे अधिक से अधिक मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती हैं। जब धीरे धीरे पत्तियां आने लगे तो आप इसे अच्छे धूप में रखे और पौधों को बड़े होने के लिए गार्डन में लगा दे। 

अपराजिता

अपराजिता का फूल भोलेनाथ को अति प्रिय हैं। इन्हे ब्लूव्हेल या ब्लू मटर भी कहते हैं। इसे बारिश के मौसम में उगाए सावन में यह बहुत अधिक खिलते हैं।  

स्नैक ट्री

स्नैक ट्री ऑक्सीजन का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता हैं। बहुत से और भी पौधे हैं शो प्लांट में जिनकी कटिंग आराम से लग जाती हैं, आपको इन पौधों को बहुत अधिक धूप और पानी न दे। खाद की उर्वरता का ख्याल रखें। 

कलम बांधना 

यह ऐसी तकनीकी है जिसमे एक कलम से दूसरी कलम को बांधा जाता हैं। जिससे दोनो के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाता हैं। इस प्रकार की विधि अलंगिक प्रजनन कहलाती हैं। इसी विधि से पौधे उत्पन्न होते हैं। 

कलम के प्रकार 

  • छांट कलम 
  • गुट्टी कलम 
  • दाब कलम 

छांट कलम 

यह कलम रवी और खरीब के मौसम में लगाई जाती हैं। कलम हेतु अंजीर , अंगूर ,चमेली , जूली इत्यादि में छांट कलम लगाई जाती हैं। छांट कलम के लिए मिट्टी और गोबर को 3:1 अनुपात में मिलाए। कलम वाले भाग को पानी में भिगो कर रखें। ऐसे कलम को तिरछा काटें। ऐसे पौधों को ऐसे स्थानों पर रखे जहा कम धूप आती हो इन्हे डायरेक्ट धूप में नही रखे। 

गुट्टी कलम 

इस विधि के अनुसार कलम तैयार करने के लिए शुरुआत में शाखा को पौधे से अलग करने की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि कलम तैयार होने के बाद शाखा को काटा जाता हैं। इस विधि से पौधे तैयार करने के लिए बारिश का मौसम सबसे उपयुक्त हैं। 

दाब कलम

इस विधि में कलम को जमीन में दबा देते है। जिसके वजह से नई जड़े निकल जाती हैं। अब इससे नया पौधा बनने लगता हैं। नए पौधे को कटकर इनके पैतृक पौधे अलग कर दे। अब इस नए पौधे को गमले में लगा दे और इसे बढ़ने दे। 

पौधें के रोपड़ के समय रखे सावधानियां 

  • पौधा गद्दे में उतनी गहराई में लगाए जितनी गहराई तक वह नर्सरी या गमले में था। 
  • अधिक गहराई में लगाने से पौधें के तने को हानि पहुंचती हैं। यह सड़ भी सकता हैं। 
  • पौधे को लगाने से पहले इसकी एक्स्ट्रा पत्ती तोड़ ले कुछ ही पत्तियां रहने दे अधिक से अधिक 5पत्ती बस। 
  • पत्तियां अधिक छोड़ने से वास्पोतसर्जन की प्रक्रिया ज्यादा होगी जिससे पानी उड़ जायेगा और जड़ों तक कम ही पानी पहुंच पाएगा। 
  • पौधे का कलम किया हुआ स्थान भूमि के ऊपर होना चाहिए। 
  • जोड़ की दिशा दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से तेज़ हवा से टूटता नहीं हैं।
  • पौधे को लगाने के बाद उसके आस पास की मिट्टी को अच्छे से दबा दे। 
  • रोपड़ के तुरंत बाद ही अच्छे से पानी दे। 
  • पौधे को डायरेक्ट धूप वाली जगह पर न रखें। और हो सके तो सायंकाल ही लगाए।

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