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What Is Puberty : यौवनावस्था का कम उम्र में आरम्भ होना, जानिए सभी कारण और उपाय

हम हमेशा ऐसे विषयों पर बात करने से झिकते हैं, या फिर इनसे जुड़े पहलुओं को नजरदाज करते हैं। जबकि एक ऐसा विषय है जहा हम खुल के बात करने की न केवल जरूरत है बल्कि सोच में बदलाव लाने की भी आवश्यकता हैं। 

यौनावस्था (Puberty Age) 

सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है को यौनावस्था क्या है? यौनावस्था का संबध किसी एक वर्ग विशेष से नहीं हैं, बल्कि सभी से है लड़का हो या लड़की दोनो को ही इन बातों को समझने की जरूरत है। 

यौनवस्था का सही मायने में अर्थ है समय से पहले लड़की या लड़का जवान हो जा रहे या यू कहे कि किशोरावस्था में ही उनके शरीर यौनावस्था के लक्षण नजर आ रहें हैं। 

यौवनावस्था की सही उम्र (Puberty Age of Boys & Girls) 

जन्म से मावन जीवन कई अवस्थाओं में बटा होता है इन अवस्थाओं की उम्र भी निश्चित की गई है ऐसे में हर उम्र के हार्मोंस होते हैं और हर उम्र में शारीरिक बदलाव। समय के अनुसार यौनावस्था की शुरुआत लड़कियों में 10 से 14 वर्ष को उम्र में मानी जाती हैं। वह लड़को में यह अवस्था 12 से 15 वर्ष के बीच मानी जाती हैं।

  •  जन्मवस्था
  • शिशुवस्था 
  • किशोरावस्था 
  • यौनावस्था 
  • प्रौढ़वस्था
  • वृद्धावस्था 

यौनावस्था के लक्षण (Puberty Symptoms)

आज के दौर में लड़का या लड़की उनके शरीर में उनकी मानसिक स्थिति में कई ऐसे परिवर्तन देखे जा सकते है जो इस बात का इशारा करते है की आपका बच्चा अब किशोरावस्था को छोड़ यौवनावस्था में। प्रवेश कर रहा हैं। 

1. समय से पहले शारीरिक बदलाव

हमारे शरीर में कई ऐसे हार्मोंस होते है जो हमें जवान बनाने का कार्य करते हैं। लड़कियों में FSH और LH हार्मोंस उनकी यौवनवस्था को बड़ने में मदद करते हैं यह हार्मोंस लड़कियों की ओवरीज (ovaries)  को टारगेट करते हैं जिससे उनके एग्स (eggs) बनने शुरू हो जाते हैं जिनकी वजह से लड़कियां में स्तन में उभार आता हैं और उनमें मासिक धर्म शुरू हो जाता हैं। 

वही लड़कों में भी कई शारीरिक बदलाव होते है जैसे दाढ़ी मूछ आना, शरीर पर बाल आना कामुक इच्छाओं का बढ़ना इत्यादि। इनमें दिखने वाला प्रमुख हार्मोन है टेस्टोस्टेरॉन (Testosteron) यह लड़को में उनकी गरंथियो को भी बड़ाने का काम करता हैं। जिससे लड़को में गले के बाहरी हिस्से पर गांठ सी दिखती है । 

2. मानसिक स्थिति में बदलाव 

शरीर के अंदर हुई हर क्रिया प्रतिक्रिया का असर हमारी मानसिक स्थिति पर जरूर पड़ता हैं। ऐसे में बच्चे या तो अकेले रहना पसंद करते हैं या स्वभाव से शर्मीले तो कभी चिड़चिड़े देखे पाए जाते हैं। 

3. कामुक इच्छाओं का बढ़ना

ऐसे बच्चो में समय से पहले ही सेक्स के प्रति आकर्षण पाया जाता है।  उनमें अपोजिट सेक्स के प्रति इच्छा बढ़ती हैं। वो इन विषयों का बिना समझे बिना जाने इनकी ओर खिंचे चले जाते। 

4. न्यूडिटी को बढ़ावा

ऐसे में बच्चे न्युडिटी के और खींचे चले जाते हैं। भारत सरकार ने न्यूडिटी कंटेंट को बैन कर दिया हैं और समय समय पर करती रहती हैं। लेकिन अभी भी बहुत सारी एडल्ट वेबसाइट अभी भी चल रही हैं। जिसके चलते युवा पीढ़ी बिगड़ रही हैं।

यौनावस्था के कारण (Reasons of Puberty & Stages) 

किशोरावस्था के बाद यौनावस्था का आरंभ देखा जाता है लेकिन कुछ कारणों के चलते यह अवस्था बच्चों में उम्र से पहले देखी जाती हैं जिसके मुख्य कारण निम्न हैं

1 गलत खानपान की वजह से बच्चों में इसका प्रवाभ देखा जा रहा हैं। हर तरह के भोजन में केमिकल की मात्रा पाई जा रही हैं।

2 टीवी में दिखने वाले एडल्ट फिल्म, एडल्ट वेबसाइट भी एक कारण हैं।

3 आज के समय में जहा सोशल मीडिया हमें एक बेहतर प्लेटफार्म से रहा हैं वही ये उम्र से पहले बच्चों को बड़ा बना रहा हैं।

4 कई बार हमारे शरीर में कुछ हार्मोंस जो यौनावस्था को बढ़ाते है जल्दी बनने लगते हैं जिससे बच्चा समय से पहले बड़ा हो जाता हैं।

5 कई बार बच्चों को बढ़ने के लिए या किसी बीमारी के कारण कई दवाई दी जाती हैं जिससे उनमें हार्मोनल डिसएबिलिटी देखी जाती हैं यह भी कारण है यौनावस्था का। 

बचाव कार्य (Rescue) 

असमय होने वाले इस शारीरिक व मानसिक परिवर्तन को आज के समय में। नजरंदाज करना सही न होगा ऐसा करने से जहा ये बड़ी बीमारी का रूप ले सकता है वहीं इसके घातक परिणामों को भी झेलना पड़ सकता हैं। इसलिए अभी से जागरूक होना जरूरी हैं।

1 माता पिता का पहला दायित्व है वो बच्चों पर नजर रखे ये उम्र  नाजुक होती है और ज्ञान काम इसलिए वो देखें उनके बच्चे क्या करते हैं क्या बातें करते हैं कैसा उनका आचरण हैं।

2 सेक्स एजुकेशन का ज्ञान करना भी बहुत जरूरी है ताकि बच्चे सही गलत का फर्क समझ सकें। शरीर में होने वाले हर बदलाव का सही अर्थ समझ सकें।

3 अपोजिट सेक्स के प्रति उनके मन में सही भावन वह सम्मान को जगाए बच्चों को यह बोध कराए लड़की या लड़का उन्हें समभाव से देखे इस उम्र में GF या BF जैसी nidhar चीजों में मत पड़े। 

4 आपका बच्चा आज के समय में अपना घण्टों समय इंटरनेट की दुनिया में बीतता है ऐसे में ध्यान से दे वो क्या देखता है क्या समझता है क्या सिख रहा है इस बात पर नजर रखें। 

5 आपका बच्चा बड़ा हो छोटा आपका दायित्व है की आप उसे सही गलत की सीख दे ना की उम्र के इस अंतराल में गैप लाए बल्कि आप अपने बच्चे के साथ दोस्त सा व्यवहार करें। 

6 कोशिश करे यह जानने की आपके बच्चे की मानसिक स्थिति कैसी है वे किसी तनाव मन है। 

7 अपने बच्चे के साथ ही साथ उनकी संगति पर भी नजर रखे वो किन से मिलते है किन के बीच उठते बैठे हैं इसका फर्क भी उनकी सोच पे पड़ता हैं। 

दुष्परिणाम (Physical changes During Puberty)

असमय होने वाले शारीरिक व मानसिक परिवर्तन का प्रभाव सबसे अधिक दिमाग पर पड़ता हैं ।

मानसिक 

आपका बच्चा तनाव व मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो सकता है साथ ही साथ वह जीवन में आगे चलकर गलत कदम भी उठा सकता हैं। 

शारीरिक

शारीरिक दुष्परिणामों में सबसे अधिक देखन जाने वाला है बच्चों का कद रुक जाना, उनके शरीर में अधिक फैट का बड़ जाना। 

सामाजिक 

कई बार ऐसा भी होता है की बच्चो में यह गलत भावना उनसे गलत काम भी करवाती है रेप , हैरिमेंट , लड़कियों से मिस्बेहव या लड़कियों का न्यूड फोटोशूट या लड़को से शारीरिक संबंध बनाना यह भी इसी की देन है जो समाज को गंदा करते हैं। 

अंततः अगर बच्चों को सही सीख दी जाए उनका ध्यान रखा जाए तो आपका बच्चा जागरूक बनेगा और सही रास्ते पर चलेगा।

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